अमरत्व पिये वह जिंदा है , जिसने कर लेखन छोड़ गये । अमरत्व पिये वह जिंदा है , जिसने कर लेखन छोड़ गये ।
शरीर, इंद्रियों के सहित, जीवित ही प्राप्ति होती उसे परमात्मा तत्व की। शरीर, इंद्रियों के सहित, जीवित ही प्राप्ति होती उसे परमात्मा तत्व की।
ज्ञान हृदय में उतर जाये तो, उसे पचाना भूलना नहीं। ज्ञान हृदय में उतर जाये तो, उसे पचाना भूलना नहीं।
सत्य तो सत्य होता है, वह कभी बदलता नही है उसे असत्य की चादर तले दबा दिया जाता है और वह चद्दर उड़ न... सत्य तो सत्य होता है, वह कभी बदलता नही है उसे असत्य की चादर तले दबा दिया जाता ह...
पैसा सुख तो दे सकता है , आनंद कहाँ से लायेगा । बलिदानो से मिलने वाला, धन से न खरीदा जायेगा।... पैसा सुख तो दे सकता है , आनंद कहाँ से लायेगा । बलिदानो से मिलने वाला, ध...
बुद्धि, ज्ञान, कौशल्य, उन्हीं के पास ठहरता । कह 'बघेल' कविराय, तृप्तियां तन की, मन की बुद्धि, ज्ञान, कौशल्य, उन्हीं के पास ठहरता । कह 'बघेल' कविराय, तृप्तियां तन क...